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2.23.2018

23/02/2018 ➡ क्या शादी को हाईकोर्ट द्वारा निरस्त करना न्यायोचित था?

23/02/2018 हादिया लव जिहाद मामला, सुप्रीम कोर्ट ने पुछा
क्या शादी को हाईकोर्ट द्वारा निरस्त करना न्यायोचित था?


नयी दिल्ली● सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सवाल किया कि क्या दो वयस्को के बीच सहमति से हुए विवाह के मुद्दे की सतत् चलने वाली जांच का आदेश दिया जा सकताहै. क्या लव जिहाद की कथित शिकार हादीया की शादी निरस्त करने का केरल हाईकोर्ट का निर्णय न्यायोचित था. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की पीठ ने केरल मे धर्मांतरण के मामले पर हो रही सुनवाई के दौरान ये सवाल पूछे. पीठ ने कहा कि हमे यह बात परेशान कर रही है कि क्या विवाह के लिए सहमति से तैयार हुए दो वयस्को के बीच सहमति के मुद्दे पर सतत चलने वाली जांच का आदेश दिया जा सकता है. पीठ ने कहा विवाह और जांच दो अलग-अलग मुद्दे है. जहां तक विवाह का सवाल है, तो इसमे किसी जांच की जरूरत नही है. जांच का इससे कुछ लेना-देना नही है. आप बाकी सबकी जांच कर सकते है. कथित लव जिहाद विवाद का केंद्र बनी 25 वर्षीय हादिया ने मंगलवार को न्यायालय मे एक हलफनामा दाखिल  कर दावा किया था कि उसने अपनी इच्छा से इस्तेमाल कबूल किया है और वह अपने पति शफीन जहां के साथ रहना चाहती है. शफीन ने हादिया के साथ उसका विवाह निरस्त करने और उसे  अपने माता-पिता की हिरासत मे भेजने सम्बंधित केवल हाइकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी थी।

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