एक अंग्रेज ने महात्मा गांधी को पत्र लिखा। उसमें गालियों के अतिरिक्त कुछ था नही। गांधी जी ने पत्र पढा और उसे रद्दी की टोकरी मे डाल दिया उसमे जो आलपिन लगा हुआ था। उसे निकलकर सुरक्षित रख लिया। वह अंग्रेज गांधी जी से प्रत्यक्ष मिलने के लिए आया। आते ही उसने पूछा, महात्मा जी! आपने मेरा पत्र पढा या नही?' महात्मा जी ने कहा,'एक आलपिन निकाला है। बस उस पत्र मे इतना ही सार था। जो सार था, उसे ले लिया। जो असार था, उसे कुड़ेदान मे फेंक दिया।
शानदार अहसन, पटना
बिहार
®MD Mazhar Nesar
12 February 2019


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