मै भी महसूस कर लेता हूं। तुम्हारी तसवीरों मे तुम्हारे होने का अहसास और कल्पना की तूलिका से तनहा जिंदगी समान पन्नों पर शब्द के चित्र उकेर लेता हूं। बेदर्द थी जिंदगी बेदर्द है, पर अगर तुम साथ होते...।
हाॅस्टल के गार्डन मे खिले रंग-बिरंगे सुगंधित गुलाब, गेन्दा और गुलदाउदी के फूलों को देख रहा था कि कही से मनमोहक रंग-बिरंगी तित्लीयो का झुंड इन फूलो पर आ बैठा। सोचता हूं अजिब रिस्ता है इन फूलो से तितलीयो का एक-दुसरे से। अपरिचित होते हुए भी दोनो एक-दुसरे के पूरक बनते है।
आंखो को दिखी प्रेममयी झलक बिजली-सी कड़कती है और यादो की वर्षा कर आंसुओं की धाराओं से भिगो देती है। ये धाराएं माया रूपी संसार मे विलुप्त हो जाती हैं। पर ये प्यार का सूरज अपनी दीवानगी भरी किरणों से लुप्त बूंदो को ताप पहुंचाकर इश्क़ से उमड़ते बादलों मे परिवर्तित कर देता है। मै सहमा-सा रहता हूं कहीं ये बिजली फिर से न कड़के और बादलों का बरसना न शुरू हो। जिंदगी तो बस एसी है कि सुबह आंखें खुलीं तो रात से देख रहा सपना टूटता है और दिन-भर हलचल के बाद रात को आंखे बंद करके सो जाओ, तो दिन का कई सपना अधूरा लगता है। प्यार की बातें अलग हैं। किसी की जिंदगी जाती है संवर, तो कोई बिखर जाता है। मै पूर्णतः नही टूटा हूं। इसलिए कि जैसे लोग विश्वास करते है पत्थरों मे बसे है भगवान्, मै भी महसूस कर लेता हूं। तुम्हारी तसवीरों मे तुम्हारे होने का अहसास और कल्पना की तूलिका से तनहा जिंदगी समान पन्नों पर शब्द के चित्र उकेर लेता हूं। बेदर्द थी जिंदगी बेदर्द है, पर अगर तुम साथ होते...।
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हाॅस्टल के गार्डन मे खिले रंग-बिरंगे सुगंधित गुलाब, गेन्दा और गुलदाउदी के फूलों को देख रहा था कि कही से मनमोहक रंग-बिरंगी तित्लीयो का झुंड इन फूलो पर आ बैठा। सोचता हूं अजिब रिस्ता है इन फूलो से तितलीयो का एक-दुसरे से। अपरिचित होते हुए भी दोनो एक-दुसरे के पूरक बनते है।
आंखो को दिखी प्रेममयी झलक बिजली-सी कड़कती है और यादो की वर्षा कर आंसुओं की धाराओं से भिगो देती है। ये धाराएं माया रूपी संसार मे विलुप्त हो जाती हैं। पर ये प्यार का सूरज अपनी दीवानगी भरी किरणों से लुप्त बूंदो को ताप पहुंचाकर इश्क़ से उमड़ते बादलों मे परिवर्तित कर देता है। मै सहमा-सा रहता हूं कहीं ये बिजली फिर से न कड़के और बादलों का बरसना न शुरू हो। जिंदगी तो बस एसी है कि सुबह आंखें खुलीं तो रात से देख रहा सपना टूटता है और दिन-भर हलचल के बाद रात को आंखे बंद करके सो जाओ, तो दिन का कई सपना अधूरा लगता है। प्यार की बातें अलग हैं। किसी की जिंदगी जाती है संवर, तो कोई बिखर जाता है। मै पूर्णतः नही टूटा हूं। इसलिए कि जैसे लोग विश्वास करते है पत्थरों मे बसे है भगवान्, मै भी महसूस कर लेता हूं। तुम्हारी तसवीरों मे तुम्हारे होने का अहसास और कल्पना की तूलिका से तनहा जिंदगी समान पन्नों पर शब्द के चित्र उकेर लेता हूं। बेदर्द थी जिंदगी बेदर्द है, पर अगर तुम साथ होते...।
सत्यम कुमार कृष्ण
सहर-पटना
राज्य - बिहार
ये है मेरा सतरंगी भारत
Nice
ReplyDeleteसबसे पहले मै धन्यवाद देना चाहुंगा की आप मेरे वेबसाईट पर आए उसके बाद धन्यवाद देना चाहुंगा इस बात का की आप ने comment/ प्रतिक्रिया दिया ।
Deleteधन्यवाद🙏
Nice
ReplyDeleteशुक्रिया
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